घोड़ासहन : एक ओर जहाँ सरकार बढ़ावा देने के लिए शिक्षा के साथ किताब कॉपी बैग सहित अन्य सामग्रियां दे रही है। वही दूसरी निजी विद्यालय शिक्षा के नाम छात्र व अभिभावकों को लूटने में लगे हैं। शिक्षा का बिलकुल व्यवसायीकरण कर दिया गया है। एक ओर जहाँ आर टी ई में रजिस्टर कर लाखों का वारा न्यारा कर रहें हैं, लेकिन इसके एवज में छात्रों को कोई सुविधा या छूट नहीं मिल रहा है। मामला घोड़ासहन के पुरनहिया अवस्थित चिर परिचित ज्ञान ज्योति का बताया जा रहा है। जहाँ पढ़ाई किताब कॉपी और ट्यूशन फी के बाद पास कर चुके छात्रों के टीसी के बदले रू 1000 लिया जा रहा है। रसीद मांगने पर कल्ह दिया जायेगा कह कर टाल दिया जा रहा है। एक छात्रा के पिता ने बताया कि मेरी बेटी इस वर्ष 10वी पास की है। जब टीसी के लिए गया तो 1000 रू की मांग की गयी। नहीं देने पर टीसी नहीं देने की बात बताई गयी। दिखाने के लिए रसीद काट दिया गया, परन्तु रशीद नहीं दिया गया। इसके सम्बन्ध में सीबीएसई से पूछने पर टीसी का पैसा नहीं लगने का बात बताया गया। इधर स्कूल के इंचार्ज ने छात्रा के पिता को बताया कि इसके पहले भी कई लोगो ने उपभोक्ता फोरम में कम्प्लेन किया था। लेकिन सब मैनेज कर लिया गया। ऊपर भी सभी को पैसा दिया जाता है। इधर कई स्कूलों के द्वारा बताया गया कि जब पढ़ने के समय फी लिया ही गया तो निकलने के समय टीसी चैरेक्टर माइग्रेशन अथवा मार्क्सशीट के नाम पर पैसे की उगाही गलत है।
शिक्षा के नाम पर लूट का केंद्र बना घोड़ासहन का ज्ञान ज्योति स्कूल, टीसी के लिए लिए जा रहें हैं 1000
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