घोड़ासहन, पूर्वी चम्पारण।
स्थानीय बाजार में डॉक्टरों का भरमार है। ईलाज के नाम पर लूट खसोट भी मरीज के परिजनों का शिकायत आम बात है। वहीं मरीज के मौत के बाद लेन देन कर रफादफा भी कर दिया जाता है। हलाकि इस तरह के मौत के खेल में कई डॉक्टर से लेकर उनके दलाल शामिल रहते हैं। आये दिन मौत का खेल भी जारी रहता है। इसके बावजूद प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठाती है। पिछले दिनों कुशवाहा नगर के मदर हुड क्लिनिक में जच्चा बच्चा के मौत के बाद परिजनों ने काफी हंगामा भी किया था। स्थानीय थाना भी मौके पर पहुंची थी। मामला आपस में रफादफा भी हो गया। मिडिया के माध्यम से खबर भी चलाया गया। मोतिहारी सीएस के द्वारा इस पर जाँच भी बैठाया गया। जाँच की भनक लगते ही क्लिनी से डॉक्टर का नाम सहित क्लिनिक के नाम वाला बोर्ड भी गधे की सींग की तरह गायब हो गया। अगर फर्जी नहीं तो फिर बोर्ड क्यों हटाया गया। यह एक यक्ष प्रश्न की तरह सामने खड़ा है। यदि सही तरीके से जाँच की जाए तो बाजार में इस तरह के कई डॉक्टर और क्लिनिक का बोर्ड रातो रात उतर सकता है।