दिनांक: 16-07-2018 (1)
घोड़ासहन (पूर्वी चम्पारण)
!!! बोर्डर क्षेत्र में पषु तस्करी जोरो पर !!!
!!! दो दर्जन गायों के साथ चार तस्कर गिरफतार !!!
!!! प्रतिदिन हो रही है दो-चार दर्जन पषुओं की तस्करी !!!
!!! तस्करी में एसपीओ व होमगार्ड के जवान के संलिप्त होने की बात आ रही है सामने !!!
!!! तस्करों द्वारा थाना को भी सलाना तीन लाख देने की बात कही जा रही है। !!!
घोड़ासहन (पूर्वी चम्पारण)
!!! बोर्डर क्षेत्र में पषु तस्करी जोरो पर !!!
!!! दो दर्जन गायों के साथ चार तस्कर गिरफतार !!!
!!! प्रतिदिन हो रही है दो-चार दर्जन पषुओं की तस्करी !!!
!!! तस्करी में एसपीओ व होमगार्ड के जवान के संलिप्त होने की बात आ रही है सामने !!!
!!! तस्करों द्वारा थाना को भी सलाना तीन लाख देने की बात कही जा रही है। !!!
सोमवार की अहले सुबह स्थानीय लोगों के द्वारा गायों व बछड़ों सहित 13 मवेषियों को तस्करी के लिए ले जाते 4 तस्करों को पकड़ पुलिस के हवाले कर दिया गया। युवक बताते है कि प्रतिदिन ये तस्कर गायों को तस्करी के लिए ले जाया करते है। पुलिस देखती रहती है फिर भी मौन रहती है। आज अहले सुबह खेल मैदान मॉरनिंग वाक करने आने के क्रम में इन तस्करों को देखा गया। जहां रोककर अहले सुबह थाने की इसकी सुचना दी गई। परन्तु थाना भी पहूँचने में काफी देर कर दी। तब तक लोगों के द्वारा तस्करों की धुनाई भी कर दी गई। हालाकि तस्करों एवं तस्करी के मवेषियों को थाना लाने के क्रम में दारोगा छोटेलाल पटवारी, दिनबंधु सिंह, ष्यामसुन्दर राम सहित पुलिसकर्मियों को युवकों का विरोध भी झेलना पड़ा। युवकों ने पुलिस पर तस्करों को सहायता करने का आरोप लगाते मवेषियों को पुलिस के हवाले करने से साफ मना कर दिया। वहीं मौके पर पहूँचे नवनिर्वाचित जिला पार्शद पति व चर्चित नेता प्रभु नारायण ने लोगों को समझा बुझाकर षांत कराया। तब जाकर पुलिस तस्कर व पषुओं को थाना लेकर आने में कामयाब रही।
ब्ताया जाता है कि भारत-नेपाल से सटे घोड़ासहन क्षेत्र में पशु तस्करी का धंधा इस समय जोरों से चल रहा है। इस क्षेत्र में पशु तस्करों का बड़ा गिरोह सक्रिय है। सूत्र बताते हैं कि पशु तस्करों के द्वारा जितना थाना क्षेत्र के अगरवा से घोड़ासहन क्षेत्र के विरता चौक, सरस्वती चौक, अंबिका पैलेष, गैस गोडाउन, श्रीपुर, मषान चौक तथा कभी-कभी स्थानीय खेल मैदान होते हुए मवेशियों को करसहियां में भंडारण किया जाता है। बाद में वहां से मवेशियों को पचपकड़ी बाजार पहूँचाया जाता है। जहां से वाहन पर लादकर राज्य व भारत के विभिन्न जिलों सहित अन्य ठीकानों पर उसकी तस्करी करते हैं। बताते है कि पषुओ को कभी कभी अगरवा से जगीरहा होते हुए राजवाड़ा नहर से बकरीहारी साईड होते हुए ठीकानों पर पहूँचाया जाता है। सूत्र यहां तक बताते हैं कि इन पषुओं को बंगलादेष तक पहँुचाया जाता है। खासकर गाय, बछरों व बैलों की खुलेआम तस्करी की जाती है। लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है। कहा तो यह भी जाता है कि बोर्डर पर तैनात एसएसबी के जवानों के साथ साथ स्थानीय पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत भी इसमें रहती है। अगरवा-घोड़ासहन-करसहिंया पथ से प्रतिदिन दो-चार दर्जन पशुओं को तस्करी के लिए बाहर ले जाए जाते हैं।
वहीं पकड़े गए तस्करों के द्वारा इसका मुख्य सरगना करसहियां निवासी मोतीम नामक व्यक्ति को बताया जा रहा है। वहीं इसमें जितना थाना के एसपीओ श्रीभगवान व घोड़ासहन के होम गार्ड जवान रामाषंकर के मिलीभगत व पैसे वसूलने की बातों का भी खुलासा इन तस्करों के द्वारा किया गया है।