दिनांक : 22-04-2018
घोडासहन
घोडासहन
राजस्थानी घंटी बाबा इन दिनों अपने योगासन के नयाब तरीके से बच्चे बुढे व महिलाओ के बीच चर्चा का विषय बने हुये है. लगभग बीस किलों का घंटी व घंटा शरीर पर चौबीस घंटे लादे रहना और सामने से गुजरने वाले हर किसी को आशिर्वाद देना यू सबो को आकृष्ट करती है. राजस्थान सवई माधोपुर मुल निवासी निर्मल दास त्यागी नागा ने बताया कि योग साधना एक ऐसी कला है जिससे कई तरह के साध्य व असाध्य बीमारियों का खात्मा हो जाता है. कहते है बीते चौदह वर्षों से लगातार जटा साधना करते आ रहा हू. इस तरह का साधना करते प्रतिदिन बांस के बल्ला मे स्वय की जटा को बांध घंटो लटकता हू . मन शांत रहता है. बताते है चौबीस घंटो के भीतर महज एक बार दो रोटी खाते है जल का उपयोग ज्यादा करते है. चालीस वर्ष का उम्र है फिर भी तरो ताजा महसूस करता हू. बता दि कि उक्त घंटी बाबा एक वर्ष पूर्व प्रखंड क्षेत्र के परडिया गांव पहंचे और हनुमान मंदिर का शिलान्यास करने करने के पश्चात यही रहने लगे. पूछे जाने पर कहते है कि गले मे सदैव दर्जनो घंटिया बांधे रहने के कारण ही बच्चे उन्हे घंटी बाबा कहते है. यधपि निकट भविष्य मे दान मे मिले लगभग 60 किलो वजन की घंटी गले मे लटकाकर घूमना उनकी अभिलाषा है.