दिनांक : 07-02-2018
घोड़ासहन (पूर्वी चम्पारण)
पूर्व सांसद श्रीमती लवली आनंद की द्वितीय चरण की पदयात्रा आज पूर्वी चम्पारण के निलहाकोठी भेलवा स्थित गाँधी जी की प्रस्तर मूर्ति पर माल्यार्पण से शुरू हुई। जो भेलवा बाजार घुघुआ, भटिनयाँ, कदमवां गोला चौक होते गाँधी आश्रम घोड़ासहन में एक जनसभा के रूप में समाप्त हुई। पदयात्रा सभा को संबोधित करती हुई पूर्व सांसद श्रीमती लवली आनंद ने कहा कि यह चम्पारण की वह पावन धरती है, जहां से सौ साल पहले महात्मा गाँधी ने निलहो अंग्रेजों के खिलाफ शोषण के खिलाफ ऐतिहासिक चम्पारण सत्याग्रह की शुरुआत की थी। श्रीमती आनंद ने यात्रा के उद्देश्यों पर प्रकाश डालती हुई बताई कि छोटा जिला त्वरित विकास की तर्ज पर ढ़ाका को जिला बनाने की पक्षधर हूँ। ताकि इलाके का पिछड़ापन दूर हो सके। उन्होंने कहा यह खेदजनक है कि शिवहर देश का पहला जिला मुख्यालय है, जो आजादी के सत्तर साल बाद भी रेल लाइन से वंचित है।
यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक संसदीय क्षेत्र में होने के बावजूद शिवहर और पूर्वी चम्पारण बागमती पर पुल नहीं होने के कारण शिवहर और पूर्वी चम्पारण सीधे सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाये। अतः बेलवा घाट पुल बनाकर शिवहर और पूर्वी चम्पारण को सड़क मार्ग से जोड़ा जाए। उन्होंने कुंडवा-चैनपुर और शिकारगंज को शीघ्र प्रखण्ड का दर्जा देने की भी राज्य सरकार से मांग की। साथ ही सरकारी महकमें में व्याप्त भ्रष्टाचार, बढ़ते अपराध और जिले में चौपट शिक्षा व्यवस्था पर भी गहरी चिंता जताती इस ओर व्यापक सुधार को इस पदयात्रा का मकसद बतलाया।
सभा को सम्बोधित करते हुए फ्रैंड्स ऑफ आनंद के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष चेतन आनंद ने कहा कि यह मेरे पिता की कर्मभूमि है। यहाँ उनका संसदीय कार्यकाल बहुत ही कम समय का रहा। परन्तू उन्होंने कानून व्यवस्था, भ्रस्टाचार, राहत, विकास और जनसम्पर्क के मामले में माइल स्टोन कायम किया। चम्पारण वह धरती है जिसने मोहन दास करमचंद गाँधी को महामानव बना दिया। देश की आजादी में चम्पारण किसान आन्दोलन एवं वारदोली एक टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। परन्तु सात दशकों बाद भी किसानों की माली हालात बदत्तर है। उसे उसका वाजिब हक हासिल नहीं हुआ है। हकीकत यह है कि देश का पेट पालने वाला किसान आज आत्महत्या के लिए मजबूर है। उसे उसके फसलों का वाजिब दाम नहीं मिलता है। खेती घाटे का सौदा बन गया है। आज जब कोई उद्योगपति सुई से लेकर जहाज तक बनाता है तो दाम खुद तय करता है। परन्तु किसानों की हाड़-तोड़ मेहनत से उत्पन्न सब्जी, अनाज, दूध, फल, कपास की कीमत या तो सरकारें तय करती है या बिचौलिये जो सरासर अन्याय है।
हमारी पदयात्रा का मुख्य मकसद खेती और किसानों की बदहाली के खिलाफ आवाज बुलंद करना है। खेती से उत्पादित माल और करखनिया माल के असमय दाम के अन्तर को पाटना है।
सभा को सम्बोधित करते हुए फ्रैंड्स ऑफ आनंद के प्रांतीय अध्यक्ष कुलानन्द यादव (अकेला) ने कहा कि एक निर्दोष व्यक्ति राजनैतिक साजिश का शिकार होकर पिछले बारह साल से जेल की यातनायें झेलने के लिए विवश हैं। हम आपके प्रिय नेता आनंद मोहन जी की सम्मानजनक रिहाई की अपील लेकर आपके बीच आये हैं। अब इंतहा पार कर चुका है। उन्हें आजाद कराने के लिए एक जोरदार आन्दोलन वक्त का तकाजा है। सभा को प्रो० एहसान शाम, समस्तीपुर जिला अध्यक्ष उदय ठाकुर, मुझप्परपुर जिला अध्यक्ष राजेश वर्मा उर्फ लाल बाबू, पूर्वी चम्पारण के पवन बंसल आदि ने भी सम्बोधित किया।
पदयात्रा की सफलता में बच्चा सिंह, बीर बहादुर यादव मनोज कुमार सिंह, धर्मेद्र दास, रामश्रेष्ठ सिंह, धीरेंद्र सिंह, दीप लाल मेहता, चितरंजन यादव, दारा सिंह आदि मुख्य रूप से सक्रिय थे।
दूसरे दिन की पदयात्रा कल 8 मार्च 2018 को दोपहर ढाई बजे गाँधी चौक घोड़ासहन से शुरू होकर 5 बजे कुंडवा चौनपुर पहुंचेगी। जहाँ पहुँच कर जन सभा मे तबदील हो जाएगी।