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तास पती |
स्थानीय थाना क्षेत्र में दीपावली के मौंकों पर खूब जुआ का खले चलता रहा है। इसमें कोई जितता है, तो कई हारते भी हैं। शहरों में मोटे दाव तो गांवों में छोटे दाव खेले जाते है। दीपावली पर जुआ खेलना तो जैसे अब परंपरा बन गई है। ऐसे तो अब दीपावली खत्म हो गई है। फिर भी रोज सैकडो लोग लाखों का दांव खेल अपनी-अपनी किस्मत अजमा रहे है। ऐसे पुलिस जुआ खेलने वालों पर कडी नजर रखने का दावा कर रही है। पदाधिकारियों के अनुसार जुआ में हारने के बाद जुआरी पैसे के लिए अपराधिक घटनाओं को भी अंजाम देने में संकोच नहीं करते है। परन्तु स्थानीय लोगों के अनुसार पुलिस इस मामले में पैसे लेकर कोई कार्रवाई नही करती है। फलतः रात तो रात दिन में भी लोग बेखौफ जुआ का महफिल जमाने मे कोई कसर नही छोड़ते। विशेषकर युवा वर्ग इसके गिरफत में फंसते नजर आ रहे है। कई लोग इसे धार्मिक आस्था से भी जोडकर देखते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति दीपावली में जुआ खेलेगा, उसके घर साल भर समृद्धि रहेगी। हालाकि इसे सामाजिक बुराई के रूप में भी देखा जाता है।
इधर ढाका विधान सभा के पूर्व प्रत्यासी राम पुकार सिन्हा के द्वारा लैन-बसवरिया दाल मील, घोडासहन वीरता चौक, शब्जी बाजार, कन्या उच्च विद्यालय के पीछे, पंसारी माई, उच्च विद्यालय खेल मैदान के पास का गाछी, छठ घाट, हनुमान नगर सहित बाजार के कई जाने माने प्रतिष्ठित स्थानों पर चल रहे जुआ के अड्डों पर छापेमारी करने की मांग जिलाधिकारी अनुपम कुमार व जिला आरक्षी अधीक्षक जीतेन्द्र राणा से की है। अगर प्रशासन अविलंब कोई कदम नही उठाती है तो चंपारण बचाओं आन्दोलन के कार्यकर्ता सभी जुआ के अड्डो के खिलाफ अभियान चलाएगी तथा ढाका विधान सभा क्षेत्र को स्वच्छ वातावरण में स्थापित करेगी।