1000और 500के नोटों पे रोक

दिनांक 09 -11 -2016 
घोडासहन (मोतिहारी)
      भारत सरकार के द्वारा दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक 1000और 500के नोटों पे रोक लगने के साथ भारत नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र घोड़ासहन में सुबह से ही हड़कंप मच गया। गरीब व माध्यम वर्गीय सभी लोग दो चार पांच सौ और एक हजार का नोट  लेकर बाजार में बदलते दिखे। इन नोटों का लें देन  बंद होने से पुरे दिन ब्यवसायी एवम ग्राहकों के बीच  उहा पोह की स्थिति बानी रही।  आम लोगो के साथ ब्यवसायी भी काफी परेसान दिखे। नेपाली ग्राहक के द्वारा भारतीय नोट बाजार में गिरने लगा। जानकारी न होने के कारण कई दुकानदारों के द्वारा कई ग्राहक को वापस कर दिया गया। जिससे नेपाल में यह बात और तेजी से फैली। और देखते ही देखते बुधवार को दोपहर तक नेपाली रुपया का बट्टा 167 से गिर कर अपने मूल्य रुपया 160 पर आ पंहुचा। जो बिगत कई सालो में पहली बार ऐसा हुआ।  स्थानीय लोगो की माने तो प्रतिदिन घोड़ासहन मार्केट  में लगभग एक करोड़ नेपाली रुपये का ट्रांजेक्शन होता है। जिसमे नेपाल समेत भारतीय मूल के कई लोग है। जो दिन रात इसी कम में लगे रहते है। सूत्रो की माने तो अकेले घोड़ासहन में आधा दर्जन काउंटर ऐसे है जहा नेपाली और इंडियन लाखो रुपये के अदला बदली का काम होता है। विदित हो की सीमावर्ती रकसौल ,छौड़ादानो,घोड़ासहन ,चैनपुर,बैरगनिया आदि जगहों पर बड़ी संख्या में नेपाली ग्राहक जीवन यापन की चीज़ों की खरीदारी करने भारितीय बाजारों का रुख करते है। जिससे भारतीये सीमावर्ती बाज़ारो में काफी चहल -पहल दिखाई पड़ती है। 
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