घोडासहन, पूर्वी चम्पारण दिनांक 23-07-2016
पेड़ महत्वपूर्ण है। जलावन, फर्निचर, गोंद और औशधी के साथ साथ जीवन दायनी औक्सिजन की प्राप्ति भी इसी से होती है। उक्त बाते षनिवार को स्थानीय कन्या मध्य विद्यालय के प्रांगण में आयोजित वन महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते पूर्वी चम्पारण रेंज अफसर अरविन्द कुमार चौबे ने कही। उन्होने बताया कि यह कार्यक्रम 1951 से पूरे भारतवर्श में मनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देष्य वातावरण को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारक नश्ट हो रहे पेड पौधों को बचाना व नए पौधे लगाना व उसकी देख-रेख करना है। कहा कि किसान यदि चाहे तो खेतों में पेड़ लगाकर भी आमदनी कर सकते है और इससे उनके खेती के बाली पर भी कोई असर नही पडेगा और किसान भाईयों के लिए अतिरिक्त आमदनी के साथ साथ वातावरण को स्वच्छ रखने में मदत मिलेगी। सरकार के तरफ से इच्छुक किसानों को 250 से 400 पौधे मुफत देने का प्रावधान है। वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी अलाउद्दिन अंसारी ने कहा कि पेड है तो ऑक्सिजन है, ऑक्सिजन है तो जीवन है। इसलिए जीवन के लिए कम से कम 33 प्रतिषत पेड़ जरूरी है। पेड़ों का अध्यात्मिक महत्व भी है। पीपल की पूजा की जाती है। पीपल अधिक ऑक्सिजन देती है। छोटा पौधा तुलसी भी अधिक मात्रा में ऑक्सिजन देती है। जिसे आसानी से कम जगह या गमले में छत पर या घर के किसी कोणे में भी लगाया जा सकता है। यदि सभी जीवन में एक-एक पौधा भी लगाने का संकल्प करें तो बहुत हद तक पर्यावर्ण के वर्तमान संकट से निष्चित ही निजात पाया जा सकता है। मौके पर वनपाल विनोद कुमार सिंह, अंचलाधिकारी उदय षंकर मिश्र, एसआई अरविन्द कुमार, व्यवसायी अरूण जायसवाल, राजन प्रसाद, कन्या मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरूण कुमार सिंह, षिक्षक नबी रसूल हुसैन, नीरज कुमार, षिक्षिका अर्पणा केसरी, सोनी कुमारी, निलम कुमारी गुप्ता सहित विद्यालय की बच्चियां व ग्रामीण उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुखिया राजू जायसवाल के द्वारा विधिवत रूप से फीता काटकर किया गया। वहीं अध्यक्षता सरपंच बैद्यनाथ प्रसाद व संचालन षम्भू प्रसाद सुमन ने की।