नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ने वापस लाया 100 टन सोना, 1991 में रखा गया था गिरवी, क्या है असल सच्चाई पढ़िए पूरी खबर - - -
मिडिया में अनेको तरह की खबरे हवा की तरह चल रही है। खबर आ रही है कि अमुख सरकार ने रखा था गिरवी तो अमुख सरकार ने मंगवा लिया। जिसमे बहुतेरे ने सरकार का नाम भी स्पष्ट कर दिया है, तो कईयों ने 1991 की सरकार की संज्ञा दे डाली है। यदि ऐसा है तो वाकई पिछली सरकार के मुकाबले वर्तमान सरकार अच्छी है। किन्तु अपनी हाथ अपनी पीठ थपथपान भी गलत है जैसा कि अन्य श्रोतो से प्राप्त जानकारी बता रहा है।
अभी चल रही खबर :-
रिजर्व बैंक ने इंग्लैंड के बैंक में जमा अपना 100 टन गोल्ड वापस भारत मंगा लिया है। आज से करीब 33 साल पहले जब मनमोहन सिंह वित्तमंत्री थे, तब भारत से 47 टन सोना देश के बाहर ले जाकर बेच दिया गया था।
ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल बार-बार उठ रहा कि आखिर इस बार आरबीआई ने इतनी बड़ी मात्रा में सोना क्यों मंगाया है, कुछ लोगो ने यह सवाल भी उठाया है कि आखिर देश का सोना विदेशो में (गिरवी) क्यों रखा गया?
देश का सोना आखिर बाहर क्यों रखा जाता है :-
आखिर रिजर्व बैंक देश का सोना बाहर क्यों रखता है। तो बतादें कि हर साल आरबीआई विदेशों से भारी मात्रा में गोल्ड खरीदता है और ग्लोबल लेवल पर सोने का सबसे बड़ा एक्सचेंज मार्केट इंग्लैंड में है। लिहाजा आरबीआई उसी एक्सचेंज से गोल्ड खरीदकर इंग्लैंड के ही बैंक में जमा करा देता है। इससे सोने की लॉजिस्टिक्स कॉस्ट बच जाती है। साथ ही बैंक ऑफ इंग्लैंड सैकड़ों साल से सोने की हिफाजत करता आ रहा है और उसे इस मामले में काफी अनुभव है। इस बैंक को दुनिया का सबसे सुरक्षित बैंक भी माना जाता है।
क्या हुआ था 1991 में :-
1991 में चंद्र शेखर की सरकार थी। तब देश की आर्थिक स्थिति थोड़ी गड़बड़ हो गई थी। आरबीआई के पास आयात बिल जमा करने के लिए पैसे नहीं थे। इस कमी को पूरा करने के लिए आरबीआई को 46.91 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड के पास गिरवी रखना पड़ा था। इस सोने से तब 40 करोड़ डॉलर की रकम इंग्लैंड और जापान से लेनी पड़ी थी। उस समय मनमोहन सिंह देश के वित्तमंत्री थे।
फिर 2009 में मनमोहन सिंह ने 200 टन गोल्ड खरीद की थी भरपाई :-
समय ने एक बार फिर सोने और मनमोहन सिंह की कहानी दोहराई। इस बार मामला पूरी तरह पलटा नजर आया। साल 2009 में यूपीए की सरकार थी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। उन्होंने देश की संपत्तियों को डाईवर्सिफाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 200 टन सोना खरीदा। इसके लिए आरबीई को 6.7 अरब डॉलर खर्च करने पड़े थे। इसके बाद से ही रिजर्व बैंक लगातार सोने की खरीद कर रहा है।
क्यों मंगाया गया 100 टन सोना :-
रिपोर्ट की मानें तो रिजर्व बैंक ने इतनी बड़ी मात्रा में सोना वापस अपने वॉल्ट में मंगाया है, क्योंकि बैंक ऑफ इंग्लैंड इस गोल्ड की सुरक्षा के लिए आरबीआई से मोटी रकम चार्ज करता है। विदेशी बैंक में सोने को रखने की लागत काफी ज्यादा हो रही है। इस लागत को बचाने के लिए ही रिजर्व बैंक ने अभी 100 टन सोना इंग्लैंड से भारत मंगाने का फैसला किया है।
(Courtecy by News18)
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